मैं जिस दिन से अकेली हो गई हूँ
मैं जिस दिन से अकेली हो गई हूँ
मैं कैसी थी मैं कैसी हो गई हूँ
नहीं कुछ याद रहता हैं मुझे अब
बिछड़ कर तुम से पगली हो गई हूँ
तसव्वुर ने तिरे मुझ को छुआ फिर
अचानक से मैं अच्छी हो गई हूँ
तिरा ग़म मुझ को रास आने लगा है
बिखर कर फिर इकट्ठी हो गई हूँ
परेशानी ये मुझ से हँस के बोली
तिरे घर की मैं बच्ची हो गई हूँ
जो मेरा हो के मेरा हो न पाया
न हो कर भी उसी की हो गई हूँ
मुझे फिर लौट के जाना है उस तक
जो मेरा था उसी की हो गई हूँ
जिसे देखो वो ही कहता है मुझ से
सरापा इक उदासी हो गई हूँ
'सिया' कुछ दिन से बोझल है बहुत दिल
मैं रो रो कर के हल्की हो गई हूँ
(615) Peoples Rate This