आप की बस ये निशानी रह गई
आप की बस ये निशानी रह गई
उलझनों में ज़िंदगानी रह गई
झूट आया सामने सच की तरह
दूर रोती हक़-बयानी रह गई
जिस के दो किरदार थे तुम और मैं
याद मुझ को वो कहानी रह गई
जिस का कह देना ज़रूरी था बहुत
बात वो तुम को बतानी रह गई
ख़ाक में लिपटा हुआ बचपन गया
कर्ब में लिपटी जवानी रह गई
उम्र गुज़री है ग़ुलामों की तरह
नाम की वो सिर्फ़ रानी रह गई
(603) Peoples Rate This