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अजब सूरत से दिल घबरा रहा है - सिराज लखनवी कविता - Darsaal

अजब सूरत से दिल घबरा रहा है

अजब सूरत से दिल घबरा रहा है

हँसी के साथ रोना आ रहा है

मुझे दिल से भुलाया जा रहा है

पसीने पर पसीना आ रहा है

मुरव्वत शर्त है ऐ याद-ए-जानाँ

तमन्नाओं का जी घबरा रहा है

मिरी नींदें तो आँखों से उड़ा दीं

मगर ख़ुद वक़्त सोया जा रहा है

अदब कर ऐ ग़म-ए-दौराँ अदब कर

किसी की याद में फ़र्क़ आ रहा है

ये आधी रात ये काफ़िर अँधेरा

न सोता हूँ न जागा जा रहा है

ज़रा देखो ये सरकश ज़र्रा-ए-ख़ाक

फ़लक का चाँद बनता जा रहा है

'सिराज' अब दिलकशी क्या ज़िंदगी में

ब-मुश्किल वक़्त काटा जा रहा है

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In Hindi By Famous Poet Siraj Lakhnavi. is written by Siraj Lakhnavi. Complete Poem in Hindi by Siraj Lakhnavi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.