Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_888b8693b253d26d4cb9960593795d2f, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जलव-ए-जाँ-फ़ज़ा दिखाता रह - सिराज औरंगाबादी कविता - Darsaal

जलव-ए-जाँ-फ़ज़ा दिखाता रह

जलव-ए-जाँ-फ़ज़ा दिखाता रह

दिल-ए-बे-जान कूँ जलाता रह

दिल हमारा ग़रीब-ख़ाना है

गाह गाह इस तरफ़ भी आता रह

ख़ुश्क होते हैं दम-ब-दम लब-ए-ज़ख़्म

आब शमशीर का पिलाता रह

इश्क़ आता है फ़ौज-ए-ग़म ले कर

तुझ कूँ कहता हूँ होश, जाता रह

ताकि ख़ुश होवे गुल-बदन बुलबुल

अक्सर अपनी ग़ज़ल सुनाता रह

मंसब-ए-इश्क़ है अगर तुझ कूँ

नौबत-ए-आह कूँ बजाता रह

शम्अ-रू सीं 'सिराज' जा कर बोल

कि पतिंगों कूँ मत जलाता रह

(493) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Siraj Aurangabadi. is written by Siraj Aurangabadi. Complete Poem in Hindi by Siraj Aurangabadi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.