सिराज औरंगाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सिराज औरंगाबादी (page 6)
नाम | सिराज औरंगाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Siraj Aurangabadi |
जन्म की तारीख | 1714 |
मौत की तिथि | 1763 |
जन्म स्थान | Aurangabad |
क्या बला का है नशा इश्क़ के पैमाने में
किया ग़म ने सरायत बे-निहायत
ख़ूब बूझा हूँ मैं उस यार कूँ कुइ क्या जाने
ख़ाक हूँ ए'तिबार की सौगंद
ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही
कौन कहता है जफ़ा करते हो तुम
कल सीं बे-कल है मिरा जी यार कूँ देखा न था
कहाँ है गुल-बदन मोहन पियारा
काफ़िर हुआ हूँ रिश्ता-ए-ज़ुन्नार की क़सम
कभी तुम मोल लेने हम कूँ हँस हँस भाव करते हो
जो तुझे देख के मबहूत हुआ
जो कुछ कि तुम सीं मुझे बोलना था बोल चुका
जिस ने तुझ हुस्न पर निगाह किया
जिस कूँ तुझ ग़म सीं दिल-शिगाफ़ी है
जिस कूँ पियो के हिज्र का बैराग है
जिस कूँ मुल्क-ए-बे-ख़ुदी का राज है
जिस दिन सीं मैं यार बूझता हूँ
जलव-ए-जाँ-फ़ज़ा दिखाता रह
जब सीं देखा हूँ यार की सूरत
जब सें तुझ इश्क़ की गरमी का असर है मन में
जानाँ पे जी निसार हुआ क्या बजा हुआ
जान ओ दिल सीं मैं गिरफ़्तार हूँ किन का उन का
जान जाता है अब तो आ जानी
इश्क़ ने ख़ूँ किया है दिल जिस का
इश्क़ में अव्वल फ़ना दरकार है
इश्क़ में आ कि अक़्ल कूँ खोनाँ
इश्क़ की जो लगन नहीं देखा
इस लब कूँ कब पसंद हैं रस्मी कटोरियाँ
हम हैं मुश्ताक़-ए-जवाब और तुम हो उल्फ़त सीं बईद
हुआ हूँ इन दिनों माइल किसी का