ये तग़य्युर रू-नुमा हो जाएगा सोचा न था

ये तग़य्युर रू-नुमा हो जाएगा सोचा न था

उस का दिल दर्द-आश्ना हो जाएगा सोचा न था

नित नए रागों की थी जिस साज़-ए-हस्ती से उम्मीद

वो भी बे-सौत-ओ-सदा हो जाएगा सोचा न था

यूँ सरापा इल्तिजा बन कर मिला था पहले रोज़

इतनी जल्दी वो ख़ुदा हो जाएगा सोचा न था

वो तअल्लुक़ जिस को दोनों ही समझते थे मज़ाक़

इस क़दर बा-क़ाएदा हो जाएगा सोचा न था

जिस 'सिराज'-ए-अज्मली से थीं उम्मीदें बे-शुमार

वो भी नज़र-ए-वाह-वा हो जाएगा सोचा न था

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In Hindi By Famous Poet Siraj Ajmali. is written by Siraj Ajmali. Complete Poem in Hindi by Siraj Ajmali. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.