Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_b2096f747dbb10a56871995981e3e776, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ज़ुल्मत-ए-शब ही सहर हो जाएगी - सिकंदर अली वज्द कविता - Darsaal

ज़ुल्मत-ए-शब ही सहर हो जाएगी

ज़ुल्मत-ए-शब ही सहर हो जाएगी

शिद्दत-ए-ग़म चारागर हो जाएगी

रोने वाले यूँ मुसीबत पर न रो

ज़िंदगी इक दर्द-ए-सर हो जाएगी

बाद-ए-तामीर-ए-मकाँ ज़ंजीर-ए-ग़म

उल्फ़त-ए-दीवार-ओ-दर हो जाएगी

ला दलील-ए-इश्क़-ओ-मस्ती दरमियाँ

ख़त्म बहस-ए-ख़ैर-ओ-शर हो जाएगी

ज़िक्र अपना जा-ब-जा अच्छा नहीं

सब कहानी बे-असर हो जाएगी

सुब्ह-ए-राहत के तसव्वुर के तुफ़ैल

हर शब-ए-ग़म मुख़्तसर हो जाएगी

सिर्फ़-ओ-अज़्म-ए-आतशीं दरकार है

उम्र सरगर्म-ए-सफ़र हो जाएगी

आ रहा है इंक़िलाब-ए-हश्र-ख़ेज़

ज़िंदगी ज़ेर-ओ-ज़बर हो जाएगी

(797) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Sikandar Ali Wajd. is written by Sikandar Ali Wajd. Complete Poem in Hindi by Sikandar Ali Wajd. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.