Ghazals of Siddiq Ahmad Nizami
नाम | बाबू सि द्दीक़ निज़ामी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Siddiq Ahmad Nizami |
ज़िंदगी गुलशन में भी दुश्वार है तेरे बग़ैर
तंग आ गए हैं कश्मकश-ए-आशियाँ से हम
मुद्दतों में घर हमारे आज यार आ ही गया
ख़ुदा करे कि नज़र कामयाब हो जाए
इश्क़ में इज़्तिराब रहता है
आज बेचैन है बीमार ख़ुदा ख़ैर करे