दिल में नफ़रत हो तो चेहरे पे भी ले आता हूँ
बस इसी बात से दुश्मन मुझे पहचान गए
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दर्द जाएगा तो कुछ कुछ जाएगा पर देखना
जैसा मंज़र मिले गवारा कर
कहाँ कहाँ है ख़ुदा जाने राब्ता दिल का
बरपा तिरे विसाल का तूफ़ान हो चुका
'शुजा' मौत से पहले ज़रूर जी लेना
चेहरे पे थोड़ी रक्खी है
घर में बेचैनी हो तो अगले सफ़र की सोचना
या तो जो ना-फ़हम हैं वो बोलते हैं इन दिनों
असर में देखिए अब कौन कम निकलता है
चारागरी की बात किसी और से करो
तभी आएगी लबों पर मिरे दिल की बात खुल के
जो क़िस्सा था ख़ुद से छुपाया हुआ