शुजा ख़ावर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शुजा ख़ावर (page 3)
नाम | शुजा ख़ावर |
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अंग्रेज़ी नाम | Shuja Khaavar |
जन्म की तारीख | 1948 |
मौत की तिथि | 2012 |
जन्म स्थान | Delhi |
जैसा मंज़र मिले गवारा कर
इस तरह पहुँचेगा कैसे पाया-ए-तकमील को
इस ए'तिबार से बे-इंतिहा ज़रूरी है
हालत उसे दिल की न दिखाई न ज़बाँ की
हालात न बदलें तो इसी बात पे रोना
घर में बेचैनी हो तो अगले सफ़र की सोचना
गरचे बादल पानी बरसाता हुआ घर घर फिरा
दूसरी बातों में हम को हो गया घाटा बहुत
दोस्त का घर और दुश्मन का पता मालूम है
दिन के पास कहाँ जो हम रातों में माल बनाते हैं
दिलों में फ़र्क़ है तो गुफ़्तुगू से कुछ नहीं होगा
दश्त को जा तो रहे हो सोच लो कैसा लगेगा
छोड़िए बाक़ी भी क्या रक्खा है उन के क़हर में
चेहरे पे थोड़ी रक्खी है
चलो ये तो हादसा हो गया कि वो साएबान नहीं रहा
बरपा तिरे विसाल का तूफ़ान हो चुका
असर में देखिए अब कौन कम निकलता है
अब तेरे लिए हैं न ज़माने के लिए हैं