Ghazals of Shola Aligarhi
नाम | शोला अलीगढ़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shola Aligarhi |
जन्म की तारीख | 1847 |
मौत की तिथि | 1903 |
जन्म स्थान | Aligarh |
ज़ब्त-ए-फ़ुग़ाँ से आ गई होंटों पे जाँ तलक
शुक्र को शिकवा-ए-जफ़ा समझे
न ख़ून-ए-दिल है न मय का ख़ुमार आँखों में
मुँह से तिरे सौ बार के शरमाए हुए हैं
मैं जब्हा सा हूँ उस दर-ए-आली-मक़ाम का
हुजूम-ए-यास में लेने वो कब ख़बर आया
दिल की इक हर्फ़-ओ-हिकायात है ये भी न सही
दिल की बिसात क्या थी जो सर्फ़-ए-फ़ुग़ाँ रहा
ऐ हज़रत-ए-ईसा नहीं कुछ जा-ए-सुख़न अब