Ghazals of Shobha Kukkal
नाम | शोभा कुक्कल |
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अंग्रेज़ी नाम | Shobha Kukkal |
ये कह कह के हम दिल को बहला रहे हैं
तिरे आँगन में है जो पेड़ फूलों से लदा होगा
सारा जहान छोड़ के तुम से ही प्यार था
ख़्वाब थे मेरे कुछ सुहाने से
काटे हैं दिन हयात के लाचार की तरह
कभी वो रंज के साँचे में ढाल देता है
जो सजता है कलाई पर कोई ज़ेवर हसीनों की
गुज़र जाएँगे ये दिन बेबसी के
बातें करने में तो दुनिया में सभी होश्यार थे