Ghazals of Shiv Charan Das Goyal Zabt
नाम | शिव चरन दास गोयल ज़ब्त |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Shiv Charan Das Goyal Zabt |
जन्म की तारीख | 1918 |
यास की मंज़िल में तन्हाई थी और कुछ भी नहीं
शो'ला-ख़ेज़-ओ-शो'ला-वर अब हर रह-ए-तदबीर है
सर-ए-तुर्बत कहीं इक हुस्न की तस्वीर देखी है
साक़ी-ए-दौराँ कहाँ वो तेरे मय-ख़ाने गए
फिर मिरी आँख तिरी याद से भर आई है
न जब तक दर्द-ए-इंसाँ से किसी को आगही होगी
जिस तरफ़ हाल-ए-जुनूँ में तेरे दीवाने गए
हवस का दाम फैलाया हुआ है