जिन के फ़ुटपाठ पे घर पाँव में छाले होंगे
जिन के फ़ुटपाठ पे घर पाँव में छाले होंगे
उन के ज़ेहनों में न मस्जिद न शिवाले होंगे
भूके बच्चों की उमीदें न शिकस्ता हो जाएँ
माँ ने कुछ अश्क भी पानी में उबाले होंगे
तेरे लश्कर में कोई हो तो बुला ले उस को
मेरा दावा है कि उस सम्त जियाले होंगे
जंग पर जाते हुए बेटे की माँ से पूछो
कैसे जज़्बात के तूफ़ान सँभाले होंगे
सज्दा-ए-हक़ के लिए सीना-सिपर थे ग़ाज़ी
ऐसे दुनिया में कहाँ चाहने वाले होंगे
कुछ न साहिल पे मिलेगा कि 'शिफ़ा' उस ने तो
दुर-ए-यकता के लिए बहर खंगाले होंगे
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