अजब क्या है जो नौ-ख़ेज़ों ने सब से पहले जानें दीं
कि ये बच्चे हैं इन को जल्द सो जाने की आदत है
Rahat Indori
Gulzar
Javed Akhtar
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Habib Jalib
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Anwar Masood
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असर के पीछे दिल-ए-हज़ीं ने निशान छोड़ा न फिर कहीं का
पूछते क्या हो जो हाल-ए-शब-ए-तन्हाई था
यार को रग़बत-ए-अग़्यार न होने पाए
मैं रूह-ए-आलम-ए-इम्काँ में शरह-ए-अज़्मत-ए-यज़्दाँ
तस्ख़ीर-ए-चमन पर नाज़ाँ हैं तज़ईन-ए-चमन तो कर न सके
ना-तवाँ इश्क़ ने आख़िर किया ऐसा हम को
अदल-ए-जहाँगीरी
मुस्लिम-लीग
कुछ अकेली नहीं मेरी क़िस्मत
तीर-ए-क़ातिल का ये एहसाँ रह गया
फ़राज़-ए-दार पे भी मैं ने तेरे गीत गाए हैं