उस नज़र की शराब पीता हूँ

उस नज़र की शराब पीता हूँ

बादा-ए-कामयाब पीता हूँ

पर्दा-दारी-ए-नज़्म-ए-कुन की ख़ैर

आज मैं बे-हिजाब पीता हूँ

झूम जाते हैं अर्श ओ कौसर ओ ख़ुल्द

झूम कर जब शराब पीता हूँ

रहमतें बे-हिसाब होती हैं

मैं जहाँ बे-हिसाब पीता हूँ

सादा, सादा-निगाहों के निसार

हल्की हल्की शराब पीता हूँ

उफ़ ये मेरा जलाल-ए-बादा-कशी

घोल कर आफ़्ताब पीता हूँ

ज़ब्त और ज़ब्त-ए-मुस्तक़िल 'शेरी'

ठंडी ठंडी शराब पीता हूँ

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In Hindi By Famous Poet Sheri Bhopali. is written by Sheri Bhopali. Complete Poem in Hindi by Sheri Bhopali. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.