Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_4abe3b0fcbc365b43fd9aed408681218, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जल्वा बे-माया सा था चश्म-ओ-नज़र से पहले - शेर अफ़ज़ल जाफ़री कविता - Darsaal

जल्वा बे-माया सा था चश्म-ओ-नज़र से पहले

जल्वा बे-माया सा था चश्म-ओ-नज़र से पहले

ज़ीस्त इक हादसा थी क़ल्ब-ओ-जिगर से पहले

हुस्न के सोज़-ए-नुमाइश का है इनआम-ए-हयात

वक़्त भी वक़्त न था शम्स-ओ-क़मर से पहले

वही उतरी दिल-ए-बेताब की तश्कील के ब'अद

इश्क़ तामीर हुआ इल्म-ओ-हुनर से पहले

ऐन फ़िरदौस में जल उट्ठा था आदम का शबाब

आग बरसी थी यहीं दीदा-ए-तर से पहले

फिर कहीं दिल के सिवा उन को अमाँ ही न मिली

बुत निकाले गए अल्लाह के घर से पहले

ज़िंदगी मज़रा-ए-तकलीफ़-ओ-सुकूँ है 'अफ़ज़ल'

शाम उगती है यहाँ नूर-ए-सहर से पहले

(575) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Sher Afzal Jafri. is written by Sher Afzal Jafri. Complete Poem in Hindi by Sher Afzal Jafri. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.