Ghazals of Sheikh Bimar Ali Bakhsh
नाम | शैख़ अली बख़्श बीमार |
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अंग्रेज़ी नाम | Sheikh Bimar Ali Bakhsh |
जन्म की तारीख | 1789 |
मौत की तिथि | 1854 |
जन्म स्थान | Rampur |
रंजिश तिरी हर दम की गवारा न करेंगे
न कहो ए'तिबार है किस का
क्या क्या न तेरे सदमे से बाद-ए-ख़िज़ाँ गिरा
कौन दुनिया से बादा-ख़्वार उठा
कौन बरहम है ज़ुल्फ़-ए-जानाँ से
फ़स्ल-ए-गुल साथ लिए बाग़ में क्या आती है
दम न निकला यार की ना-मेहरबानी देख कर
दख़्ल हर दिल में तिरा मिस्ल-ए-सुवैदा हो गया
बुतो ये शीशा-ए-दिल तोड़ दो ख़ुदा के लिए