इस क़दर ख़ुद पे हम जफ़ा न करें

इस क़दर ख़ुद पे हम जफ़ा न करें

जिस्म को जान से जुदा न करें

अश्क अज़ चश्म-ए-मन जुदा नशिवद

आप ऐसी कभी दुआ न करें

आओ अहद-ए-वफ़ा करें दोनों

और अहद-ए-वफ़ा वफ़ा न करें

फूल बन कर महकने लगते हैं

आप ज़ख़्मों को यूँ छुआ न करें

दूर माना ज़मीन है उस से

आसमाँ से मगर कहा न करें

और भी कुछ मज़ीद दहकेगी

आग को यूँ हवा दिया न करें

कैसे भूलेंगे मुझ को उन से कहो

ज़िक्र इतना मिरा किया न करें

हम भी इंसान हैं फ़रिश्ते नहीं

ये तो मुमकिन नहीं ख़ता न करें

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In Hindi By Famous Poet Shehzad Raza Lams. is written by Shehzad Raza Lams. Complete Poem in Hindi by Shehzad Raza Lams. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.