Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_5a78f0e9149812d69c31bed2d73c1b2d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
चाँदनी अपने साथ लाई है - शहज़ाद रज़ा लम्स कविता - Darsaal

चाँदनी अपने साथ लाई है

चाँदनी अपने साथ लाई है

तेरी सूरत में रात आई है

ख़ुद में अब ख़ुद को मैं नहीं मिलता

इस क़दर मुझ में तू समाई है

एक दिन जिस्म छोड़ जाएगी

रूह अपनी नहीं पराई है

नहर में साफ़ कुछ भी दिखता नहीं

आज पानी पे कितनी काई है

तुझ को ख़त भी लिखे हैं ख़ून से और

तेरी तस्वीर भी बनाई है

सर खुले आयतें हैं रब्ब-ए-जहाँ

तू कहाँ है कहाँ ख़ुदाई है

इस ज़मीं से ऐ आसमाँ वाले

अब उठा ले हमें दुहाई है

(465) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Shehzad Raza Lams. is written by Shehzad Raza Lams. Complete Poem in Hindi by Shehzad Raza Lams. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.