Ghazals of Shaziya Akbar
नाम | शाज़िया अकबर |
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अंग्रेज़ी नाम | Shaziya Akbar |
तिरे ख़याल को भी फ़ुर्सत-ए-ख़याल नहीं
दीप जले तो दीप बुझाने आते हैं
दिल-ओ-निगाह के हुस्न-ओ-क़रार का मौसम
अब तेरे इंतिज़ार की आदत नहीं रही
नाम | शाज़िया अकबर |
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अंग्रेज़ी नाम | Shaziya Akbar |
तिरे ख़याल को भी फ़ुर्सत-ए-ख़याल नहीं
दीप जले तो दीप बुझाने आते हैं
दिल-ओ-निगाह के हुस्न-ओ-क़रार का मौसम
अब तेरे इंतिज़ार की आदत नहीं रही