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शाज़ तमकनत Ghazal In Hindi - Best शाज़ तमकनत Ghazal Shayari & Poems - Darsaal

Ghazals of Shaz Tamkanat

Ghazals of Shaz Tamkanat
नामशाज़ तमकनत
अंग्रेज़ी नामShaz Tamkanat
जन्म की तारीख1933
मौत की तिथि1985
जन्म स्थानHyderabad

ज़रा सी बात थी बात आ गई जुदाई तक

यही सफ़र की तमन्ना यही थकन की पुकार

वो नियाज़-ओ-नाज़ के मरहले निगह-ओ-सुख़न से चले गए

वो कौन है जिस की वहशत पर सुनते हैं कि जंगल रोता है

वो गदा-गरान-ए-जल्वा सर-ए-रहगुज़ार चुप थे

तिरी नज़र सबब-ए-तिश्नगी न बन जाए

सुख़न राज़-ए-नशात-ओ-ग़म का पर्दा हो ही जाता है

सोज़-ए-दुआ से साज़-ए-असर कौन ले गया

सिमट सिमट सी गई थी ज़मीं किधर जाता

शिकन शिकन तिरी यादें हैं मेरे बिस्तर की

शब-ए-वा'दा कह गई है शब-ए-ग़म दराज़ रखना

शब ओ रोज़ जैसे ठहर गए कोई नाज़ है न नियाज़ है

साँसों में बसे हो तुम आँखों में छुपा लूँगा

सन कर बयान-ए-दर्द कलेजा दहल न जाए

सँभला नहीं दिल तुझ से बिछड़ कर कई दिन तक

नफ़स नफ़स है तिरे ग़म से चूर चूर अब तक

न महफ़िल ऐसी होती है न ख़ल्वत ऐसी होती है

मिसाल-ए-शोला-ओ-शबनम रहा है आँखों में

मेरी वहशत का तिरे शहर में चर्चा होगा

मिरे नसीब ने जब मुझ से इंतिक़ाम लिया

मिरा ज़मीर बहुत है मुझे सज़ा के लिए

मैं तो चुप था मगर उस ने भी सुनाने न दिया

मैं लौट आऊँ कहीं तू ये सोचता ही न हो

क्या क़यामत है कि इक शख़्स का हो भी न सकूँ

क्या करूँ रंज गवारा न ख़ुशी रास मुझे

कुछ अजब आन से लोगों में रहा करते थे

कोई तो आ के रुला दे कि हँस रहा हूँ मैं

कोई तन्हाई का एहसास दिलाता है मुझे

किस किस को अब रोना होगा जाने क्या क्या भूल गया

ख़्वार-ओ-रुसवा थे यहाँ अहल-ए-सुख़न पहले भी

शाज़ तमकनत Ghazal in Hindi - Read famous शाज़ तमकनत Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet शाज़ तमकनत. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet शाज़ तमकनत. शाज़ तमकनत Ghazals and Inspirational Nazams for Students.