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वो सनम ख़ूगर-ए-वफ़ा न हुआ - शौक़ देहलवी मक्की कविता - Darsaal

वो सनम ख़ूगर-ए-वफ़ा न हुआ

वो सनम ख़ूगर-ए-वफ़ा न हुआ

ये भी अच्छा हुआ बुरा न हुआ

आ गया लुत्फ़ ज़िंदगानी का

दर्द जो क़ाबिल-ए-दवा न हुआ

उम्र भर हम जुदा रहे उस से

हम से दम भर भी जो जुदा न हुआ

कहे देती हैं शर्म-गीं नज़रें

क्या हुआ रात और क्या न हुआ

'शौक़' ने लिक्खे सैंकड़ों दफ़्तर

हर्फ़-ए-मतलब मगर अदा न हुआ

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In Hindi By Famous Poet Shauq Dehlvi Makki. is written by Shauq Dehlvi Makki. Complete Poem in Hindi by Shauq Dehlvi Makki. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.