शाैकत वास्ती कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शाैकत वास्ती
नाम | शाैकत वास्ती |
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अंग्रेज़ी नाम | Shaukat Wasti |
जन्म की तारीख | 1922 |
मौत की तिथि | 2009 |
'शौकत' हमारे साथ बड़ा हादिसा हुआ
रविश रविश पे चमन के बुझे बुझे मंज़र
मुझे तो रंज क़बा-ए-हा-ए-तार-तार का है
बड़े वसूक़ से दुनिया फ़रेब देती रही
बिखरे तो फिर बहम मिरे अज्ज़ा नहीं हुए
बिखरे तो फिर बहम मिरे अज्ज़ा नहीं हुए