सुकूत-ए-ज़िंदगी है दुश्मन-ए-जाँ अब तो आ जाओ
मिरी हस्ती है ख़ुद मुझ से परेशाँ अब तो आ जाओ
सुना है आज-कल मैं और भी बे-ताब रहता हूँ
मिरी आँखों से हसरत है नुमायाँ अब तो आ जाओ
Anwar Masood
Javed Akhtar
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Rahat Indori
Habib Jalib
Jaun Eliya
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Faiz Ahmad Faiz
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दिल पर असर-ए-ख़्वाब है हल्का हल्का
अगर तुम जल भी जाते तो न होता ख़त्म अफ़्साना
उन की निगाह-ए-नाज़ की गर्दिश के साथ साथ
यादों की मैं बारात लिए आया हूँ
अंजाम-ए-विसाल
शुऊ'र-ए-कैफ़-ओ-ख़ुशी है ज़रा ठहर जाओ
क्या बढ़ेगा वो तसव्वुर की हदों से आगे
हर बुरे वक़्त में काम आया था
एक वहशत है रहगुज़ारों में
मौज-ए-तूफ़ाँ से निकल कर भी सलामत न रहे
ग़म की अँधेरी राहों में तो तुम भी नहीं काम आओ हो
हौसले की कमी से डरता हूँ