वक़्त की धूप तेज़ होती है
हम-सफ़र हो तो राह कट जाए
सहल हो जाए फिर तो जोहद-ए-हयात
दिल न सहमे ख़याल बट जाए
Anwar Masood
Rahat Indori
Javed Akhtar
Gulzar
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Wasi Shah
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Mir Taqi Mir
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फिर कोई जश्न मनाओ कि हँसी आ जाए
नज़र-नवाज़ नज़ारों की याद आती है
एक वहशत है रहगुज़ारों में
इस फ़ैसले पे लुट गई दुनिया-ए-ए'तिबार
हसरत
होश वाले तो उलझते ही रहे
आरज़ू
यादों की मैं बारात लिए आया हूँ
हौसले की कमी से डरता हूँ
ऐ इंक़लाब-ए-नौ तिरी रफ़्तार देख कर
हाए उस मिन्नत-कश-ए-वहम-ओ-गुमाँ की जुस्तुजू
आईने को ख़ुद तोड़ रहा हो जैसे