Coupletss of Shaukat Pardesi
नाम | शौकत परदेसी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shaukat Pardesi |
जन्म की तारीख | 1924 |
मौत की तिथि | 1995 |
जन्म स्थान | Jaunpur |
ज़िंदगी से कोई मानूस तो हो ले पहले
ये कैसी बे-क़रारी सुनने वालों के दिलों में है
वो आँखें जो अब अजनबी हो गई हैं
उस की हँसी तुम क्या समझो
उन की निगाह-ए-नाज़ की गर्दिश के साथ साथ
तुम ही अब वो नहीं रहे वर्ना
'शौकत' वो आज आप को पहचान तो गए
शरीक-ए-दर्द नहीं जब कोई तो ऐ 'शौकत'
रात इक नादार का घर जल गया था और बस
क़रीब से उसे देखो तो वो भी तन्हा है
फूँक कर सारा चमन जब वो शरीक-ए-ग़म हुए
निगाह को भी मयस्सर है दिल की गहराई
ना-शनासान-ए-मुहब्बत का गिला क्या कि यहाँ
मौज-ए-तूफ़ाँ से निकल कर भी सलामत न रहे
क्या बढ़ेगा वो तसव्वुर की हदों से आगे
कुछ तो फ़ितरत से मिली दानाई
किसी की बाज़ी कैसी घात
ख़ुद वो करते हैं जिसे अहद-ए-वफ़ा से ताबीर
जी में आता है कि 'शौकत' किसी चिंगारी को
जब मस्लहत-ए-वक़्त से गर्दन को झुका कर
इस फ़ैसले पे लुट गई दुनिया-ए-ए'तिबार
हुस्न-ए-इख़्लास ही नहीं वर्ना
हदूद-ए-जिस्म से आगे बढ़े तो ये देखा
होश वाले तो उलझते ही रहे
हवाएँ रोक न पाईं भँवर डुबो न सके
हँसते हँसते बहे हैं आँसू भी
हाए उस मिन्नत-कश-ए-वहम-ओ-गुमाँ की जुस्तुजू
देता रहा फ़रेब-ए-मुसलसल कोई मगर
बर्क़ की शो'ला-मिज़ाजी है मुसल्लम लेकिन
अपने पराए थक गए कह कर हर कोशिश बेकार रही