दोस्ती में फ़ासले होते नहीं

दोस्ती में फ़ासले होते नहीं

प्यार में ये तज्ज़िये होते नहीं

क्या ज़रूरी है कि वो मुजरिम भी हों

जिन के हक़ में फ़ैसले होते नहीं

सोच कर तुम ये तअ'ल्लुक़ तोड़ते

टूट कर पत्ते हरे होते नहीं

रौशनी होती नहीं उस बज़्म में

जिस में शामिल-ए-दिल जले होते नहीं

मा'रके सर होते हैं जिन के तुफ़ैल

उन के अक्सर तज़्किरे होते नहीं

अपने तो अपने ही होते हैं फ़क़त

अपनों में अच्छे बुरे होते नहीं

उन का डर जाता नहीं तासीर क्यूँ

हाँ वही जो हादसे होते नहीं

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In Hindi By Famous Poet Sharmaa Taseer. is written by Sharmaa Taseer. Complete Poem in Hindi by Sharmaa Taseer. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.