न यही कि ज़ौक़-ए-नज़र मिरा सफ़-ए-गुल-रुख़ाँ से गुज़र गया
न यही कि ज़ौक़-ए-नज़र मिरा सफ़-ए-गुल-रुख़ाँ से गुज़र गया
मैं तिरी तलाश में बार-हा मह-ओ-कहकशाँ से गुज़र गया
(482) Peoples Rate This
न यही कि ज़ौक़-ए-नज़र मिरा सफ़-ए-गुल-रुख़ाँ से गुज़र गया
मैं तिरी तलाश में बार-हा मह-ओ-कहकशाँ से गुज़र गया
(482) Peoples Rate This