Coupletss of Sharaf Mujaddidi
नाम | शरफ़ मुजद्दिदी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sharaf Mujaddidi |
उश्शाक़ के आगे न लड़ा ग़ैरों से आँखें
तेरी आँखें जिसे चाहें उसे अपना कर लें
तसव्वुर ने तिरे आबाद जब से घर किया मेरा
तमाम चारागरों से तो मिल चुका है जवाब
शैख़ कुछ अपने-आप को समझें
क़दमों पे गिरा तो हट के बोले
पारसा बन के सू-ए-मय-ख़ाना
पामालियों का ज़ीना है अर्श से भी ऊँचा
कम-सिनी जिन की हमें याद है और कल की ही बात
जिस को चाहा तू ने उस को मिल गया
जी में आता है कि फूलों की उड़ा दूँ ख़ुशबू
इस पर्दे में ये हुस्न का आलम है इलाही
इंतिहा-ए-मअरिफ़त से ऐ 'शरफ़'
हज़रत-ए-नासेह भी मय पीने लगे
हैरत में हूँ इलाही क्यूँ-कर ये ख़त्म होगा
एक को एक नहीं रश्क से मरने देता
दुख़्त-ए-रज़ ज़ाहिद से बोली मुझ से घबराते हो क्यूँ
दुख़्त-ए-रज़ और तू कहाँ मिलती
दिल में मिरे जिगर में मिरे आँख में मिरी
अल्लाह अल्लाह ख़ुसूसिय्यत-ए-ज़ात-ए-हसनैन
अब तो मय-ख़ानों से भी कुछ बढ़ कर
आलम-ए-इश्क़ में अल्लाह-रे नज़र की वुसअत