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बाद-ए-सरसर की करामात से पहले क्या था - शनावर इस्हाक़ कविता - Darsaal

बाद-ए-सरसर की करामात से पहले क्या था

बाद-ए-सरसर की करामात से पहले क्या था

ये न पूछो कि यहाँ रात से पहले क्या था

अब तो वो नस्ल भी मादूम हुई जाती है

जो बताती थी फ़सादात से पहले क्या था

ऐ समुंदर तिरी आँखें हैं यहाँ सब से क़दीम

इस जज़ीरे पे मकानात से पहले क्या था

ऐ ज़मीं कितनी पुरानी है ये नीली चादर

तेरे शानों पे समावात से पहले क्या था

इश्क़ एलान से पहले था 'शनावर' क्या चीज़

हुस्न इज़हार-ए-ख़यालात से पहले क्या था

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In Hindi By Famous Poet Shanawar Ishaq. is written by Shanawar Ishaq. Complete Poem in Hindi by Shanawar Ishaq. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.