रफ़्तार ओ सदा गुम्बद-ए-अफ़्लाक में आए
कुछ रंग-ए-हया दीदा-ए-चालाक में आए
हर चीज़ मुक़य्यद है किसी के दिल में
दिल टूटे तो जाँ नक़्श-ए-कफ़-ए-ख़ाक में आए
Ahmad Faraz
Habib Jalib
Jaun Eliya
Wasi Shah
Gulzar
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Anwar Masood
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(728) Peoples Rate This
उन का ख़याल हर तरफ़ उन का जमाल हर तरफ़
सुर्ख़ सीधा सख़्त नीला दूर ऊँचा आसमाँ
तीन शामों की एक शाम
इक आतिश-ए-सय्याल से भर दे मुझ को
दिल भी दामन है फैलाओ सर-ए-शब
आख़िरी तमाशाई
लग़्ज़िश पा-ए-होश का हर्फ़-ए-जवाज़ ले के हम
दिन-भर की दौड़ रात के औहाम वसवसे
जो उतरा फिर न उभरा कह रहा है
तारीक रगें लहू से रौशन कर दे
हर आग को नज़्र-ए-ख़स-ओ-ख़ाशाक करूँ