उन का ख़याल हर तरफ़ उन का जमाल हर तरफ़

उन का ख़याल हर तरफ़ उन का जमाल हर तरफ़

हैरत-ए-जल्वा रू-ब-रू दस्त-ए-सवाल हर तरफ़

मुझ से शिकस्ता-पा से है शहर की तेरे आबरू

छोड़ गए मिरे क़दम नक़्श-ए-कमाल हर तरफ़

हम हैं जवाँ भी पीर भी हम हैं अदम भी ज़ीस्त भी

हम हैं असीर-ए-हल्का-ए-क़ौल-ए-मुहाल हर तरफ़

नग़्मा गिरा है बूँद बूँद फिर भी उठी है कितनी गूँज

उड़ती फिरे है ज़ेहन में गर्द-ए-ख़याल हर तरफ़

क़लब-ए-हयात-ओ-मौत से मिल न सका कोई जवाब

फेंका किए हैं गरचे हम संग-ए-सवाल हर तरफ़

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In Hindi By Famous Poet Shamsur Rahman Faruqi. is written by Shamsur Rahman Faruqi. Complete Poem in Hindi by Shamsur Rahman Faruqi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.