महफ़िल का नूर मरजा-ए-अग़्यार कौन है

महफ़िल का नूर मरजा-ए-अग़्यार कौन है

हम में हलाक-ए-ताले-ए-बेदार कौन है

हम अपने साए से तो भड़क कर अलिफ़ हुए

देखा नहीं मगर पस-ए-दीवार कौन है

हर लम्हे की कमर पे है इक महमिल-ए-सुकूत

लोगो बताओ क़ातिल-ए-गुफ़्तार कौन है

घर घर खिले हैं नाज़ से सूरज-मुखी के फूल

सूरज को फिर भी माने-ए-दीदार कौन है

पत्थर उठा के दर्द का हीरा जो तोड़ दे

वो कज-कुलाह बाँका तरह-दार कौन है

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In Hindi By Famous Poet Shamsur Rahman Faruqi. is written by Shamsur Rahman Faruqi. Complete Poem in Hindi by Shamsur Rahman Faruqi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.