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शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी Ghazal In Hindi - Best शम्सुर रहमान फ़ारूक़ी Ghazal Shayari & Poems - Darsaal

Ghazals of Shamsur Rahman Faruqi

Ghazals of Shamsur Rahman Faruqi
नामशम्सुर रहमान फ़ारूक़ी
अंग्रेज़ी नामShamsur Rahman Faruqi
जन्म की तारीख1936
जन्म स्थानAllahabad

उन का ख़याल हर तरफ़ उन का जमाल हर तरफ़

सुर्ख़ सीधा सख़्त नीला दूर ऊँचा आसमाँ

शोर-ए-तूफ़ान-ए-हवा है बे-अमाँ सुनते रहो

रिंदों को तिरे आरज़ू-ए-ख़ुश्क-लबी है

पत्थर की भूरी ओट में लाला खिला था कल

मौसम-ए-संग-ओ-रंग से रब्त-ए-शरार किस को था

मौज-ए-दरिया को पिएँ क्या ग़म-ए-ख़म्याज़ा करें

मसल कर फेंक दूँ आँखें तो कुछ तनवीर हो पैदा

महफ़िल का नूर मरजा-ए-अग़्यार कौन है

लग़्ज़िश पा-ए-होश का हर्फ़-ए-जवाज़ ले के हम

कनार-ए-बहर है देखूँगा मौज-ए-आब में साँप

जो उतरा फिर न उभरा कह रहा है

इधर से देखें तो अपना मकान लगता है

हर जल्वा-ए-हुस्न बे-वतन है

दिन-भर की दौड़ रात के औहाम वसवसे

देखिए बे-बदनी कौन कहेगा क़ातिल है

चेहरे का आफ़्ताब दिखाई न दे तो फिर

अब मुझ से ये रात तय न होगी

आब ओ गिया से बे-नियाज़ सर्द जबीन-ए-कोह पर

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