ख़ुश-कुन ख़बर के धोके में रक्खा गया मुझे

ख़ुश-कुन ख़बर के धोके में रक्खा गया मुझे

शब भर सहर के धोके में रखा गया मुझे

उड़ने का इख़्तियार कहाँ मेरे पास था

बस बाल-ओ-पर के धोके में रक्खा गया मुझे

घर और घर के ख़्वाब से हिजरत के बा'द भी

क्यूँ बाम-ओ-दर के धोके में रक्खा गया मुझे

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In Hindi By Famous Poet Shamshir Haidar. is written by Shamshir Haidar. Complete Poem in Hindi by Shamshir Haidar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.