शमशीर हैदर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शमशीर हैदर
नाम | शमशीर हैदर |
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अंग्रेज़ी नाम | Shamshir Haidar |
वो अक्स मुझ में जुनूँ-साज़ रक़्स करने लगा
वक़्त हर बार बदलता हुआ रह जाता है
सजे हुए बाम-ओ-दर से आगे की सोचता हूँ
सदियों के तआ'क़ुब में लम्हे नहीं जाएँगे
कोई वज्द है न धमाल है तिरे इश्क़ में
ख़ुश-कुन ख़बर के धोके में रक्खा गया मुझे
जुनूब ओ मश्रिक ओ मग़रिब तिरे शुमाल तिरा
जहान-ए-ख़्वाब-ए-मेहरबाँ की ख़ैर हो
इक नींद की वादी से गुज़ारा गया मुझ को
दिनों से कैसे शबों में ढलते हैं दिन हमारे