Ghazals of Shams Ramzi
नाम | शम्स रम्ज़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shams Ramzi |
ज़मीन तंग है यारब कि आसमान है तंग
ये अर्ज़-ओ-समा क़ुलज़ुम-ओ-सहरा मुतहर्रिक
मुश्तइ'ल हो गया वो ग़ुंचा-दहन दानिस्ता
लफ़्ज़-ओ-मा'नी के समुंदर का सफ़र हैं कुछ लोग
जब तक तुझ को मौत न आए कर ले रैन-बसेरा बाबा
ग़म दिए हैं तो मसर्रत के गुहर भी देना