शम्स रम्ज़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शम्स रम्ज़ी
नाम | शम्स रम्ज़ी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Shams Ramzi |
फ़ज़ा में उड़ते परिंदे की ख़ैर हो यारब
डूबता हुआ सूरज दे गया सज़ा ऐसी
बे-ज़बाँ भी तो बता देता है मंज़िल का पता
उर्दू
ज़मीन तंग है यारब कि आसमान है तंग
ये अर्ज़-ओ-समा क़ुलज़ुम-ओ-सहरा मुतहर्रिक
मुश्तइ'ल हो गया वो ग़ुंचा-दहन दानिस्ता
लफ़्ज़-ओ-मा'नी के समुंदर का सफ़र हैं कुछ लोग
जब तक तुझ को मौत न आए कर ले रैन-बसेरा बाबा
ग़म दिए हैं तो मसर्रत के गुहर भी देना