मैं ने हाथों में कुछ नहीं रक्खा

मैं ने हाथों में कुछ नहीं रक्खा

ऐसी बातों में कुछ नहीं रक्खा

इक सिवा तेरे दर्द के मैं ने

अपनी आँखों में कुछ नहीं रक्खा

मेरी रातों का पूछते क्या हो

मेरी रातों में कुछ नहीं रक्खा

इक तसल्ली सी है 'रविश' वर्ना

रिश्ते-नातों में कुछ नहीं रक्खा

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In Hindi By Famous Poet Shamim Ravish. is written by Shamim Ravish. Complete Poem in Hindi by Shamim Ravish. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.