Ghazals of Shamim Ravish
नाम | शमीम रविश |
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अंग्रेज़ी नाम | Shamim Ravish |
जन्म की तारीख | 1956 |
ज़मीं को खींच के मैं सू-ए-आसमाँ ले जाऊँ
सितारा टूट के बिखरा और इक जहान खुला
रूह को अपनी तह-ए-दाम नहीं कर सकता
पलकों पे सितारा सा मचलने के लिए था
मिरे अतराफ़ ये कैसी सदाएँ रक़्स करती हैं
मैं ने हाथों में कुछ नहीं रक्खा
इस से पहले कि चराग़ों को वो बुझता देखे
दूर तक फैली हुई है तीरगी बातें करो
दीवार की सूरत था कभी दर की तरह था
आँखों में हिज्र चेहरे पे ग़म की शिकन तो है