सय्याल तसव्वुर है उबलने की तरह का

सय्याल तसव्वुर है उबलने की तरह का

इक अक्स से सौ अक्स में ढलने की तरह का

अब सानेहा-ए-हिज्र-ए-मुसलसल का मज़ा भी

है आतिश-ए-तख़्लीक़ में जलने की तरह का

सब क़ैद हुआ जाता है तंगनाए-ग़ज़ल में

मंज़र पस-ए-मंज़र है बदलने की तरह का

अपनी ही तरह का है क़दम राह-ए-तलब में

गिरने की तरह का न सँभलने की तरह का

समझो कि क़रीब आ गई इरफ़ान की मंज़िल

जीने में मज़ा आए जो मरने की तरह का

ये सोच के मैं गोशा-ए-दिल वा नहीं करता

उस शोख़ का मिलना है बिछड़ने की तरह का

कुछ ऐसे ही मौसम में उसे आना था शायद

है मौसम-ए-दिल फूलने-फलने की तरह का

ये सोच के में गोशा-ए-दिल वा नहीं करता

उस शोख़ का मिलना है बिछड़ने की तरह का

कुछ ऐसे ही मौसम में उसे आना था शायद

है मौसम-ए-दिल फूलने-फलने की तरह का

(624) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Shamim Qasmi. is written by Shamim Qasmi. Complete Poem in Hindi by Shamim Qasmi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.