ज़मीं चिल्लाई चीख़ी बिलबिला के
ज़मीं चिल्लाई चीख़ी बिलबिला के
न जों तक रेंगी कानों पर ख़ुदा के
मैं तेरे क़हर के सदक़े ख़ुदाया
अधूरे रह गए जुमले दुआ के
कुरेदे राख ढूँडे ख़ाक कोई
सभी नापैद है जब जल जला के
तमन्ना आरज़ू अरमान हसरत
परिंदे उड़ गए पर फड़फड़ा के
पड़ी है ज़िंदगी ढाँपे लपेटे
फ़ना दौड़े फिरे है दंदना के
फटा मुझ में फटा आतिश-फ़िशाँ फिर
हैं सीने में धमाकों पर धमाके
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