Ghazals of Shamim Abbas
नाम | शमीम अब्बास |
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अंग्रेज़ी नाम | Shamim Abbas |
जन्म की तारीख | 1948 |
जन्म स्थान | Mumbai |
ज़ियाँ गर कुछ हुआ तो उतना जितना सूद होता है
ज़मीं चिल्लाई चीख़ी बिलबिला के
ये कहो ये न कहो ऐसे कहो ऐसे नहीं
वो एक शख़्स मिरे पास जो रहा भी नहीं
उसे न मिलने की सोचा है यूँ सज़ा देंगे
उम्र गुज़र जाती है क़िस्से रह जाते हैं
तुम में तो कुछ भी वाहियात नहीं
तू क्या जाने तेरी बाबत क्या क्या सोचा करते हैं
शाकी बद-ज़न आज़ुर्दा हैं मुझ से मेरे भाई यार
शहर में आ ही गए हैं तो गुज़ारा कर लें
निराला अजब नक-चढ़ा आदमी हूँ
नज़र समेटें बटोर कर इंतिज़ार रख दें
किसी का तीर किसी की कमाँ हो ठीक नहीं
कभी भँवर थी जो इक याद अब सुनामी है
इक्का दुक्का शाज़-ओ-नादिर बाक़ी हैं
बस एक बार फ़क़त एक बार कम से कम
बड़ी सर्द रात थी कल मगर बड़ी आँच थी बड़ा ताव था
अहम आँखें हैं या मंज़र खुले तो
आ तिरे संग ज़रा पेंग बढ़ाई जाए