हर नफ़स दीदा-ए-दिल में तिरी यादों का हुजूम
हर नफ़स दीदा-ए-दिल में तिरी यादों का हुजूम
हर घड़ी मुझ पे क़यामत का गुज़र ना-मालूम
आँख से दिल में उतरती हुई यादों की बरात
दश्त-ए-तन्हाई में टूटे हुए तारों का हुजूम
इस क़दर पास कि जैसे मिरे दिल की आवाज़
इस क़दर दूर कि जैसे हो सदा-ए-मौहूम
ऐ दिल-ए-ख़ाक-बसर तेरी तबाही तस्लीम
हाँ दिल-ए-सादा-नज़र तेरी ख़ताएँ मालूम
हर घड़ी याद में गुज़री शब-ए-मातम की तरह
फिर भी ऐ इश्क़-ए-सियह-पोश उन्हें क्या मालूम
कल का दिन अपनी बहारों को लिए ख़त्म हुआ
कल की हर बात हुई नक़्श-ए-वफ़ा-ए-मौहूम
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