शाकिर ख़लीक़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शाकिर ख़लीक़
नाम | शाकिर ख़लीक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Shakir Khaliq |
तन्हाई का ग़म ढोएँ और रो रो जी हलकान करें
कब शौक़ मिरा जज़्बे से बाहर न हुआ था
हम जुर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा पाए हुए हैं
भुगत रहा हूँ ख़ुद अपने किए का ख़म्याज़ा