शाकिर कलकत्तवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शाकिर कलकत्तवी
नाम | शाकिर कलकत्तवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shakir Kalkattvi |
ज़रा चश्म-ए-करम से देख लो तुम
ये माजरा-ए-मोहब्बत समझ में आ न सका
रोने के बदले अपनी तबाही पे हँस दिया
क़सम ही नहीं है फ़क़त इस का शेवा
तेरे नालों से कोई बदनाम होता जाएगा
जबकि दुश्मन हो राज़ दाँ अपना
बे-पर्दा उस का चेहरा-ए-पुर-नूर तो हुआ