Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_3124861344e1a1ab0df45866e53ace9b, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जो शख़्स मुद्दतों मिरे शैदाइयों में था - शकीला बानो कविता - Darsaal

जो शख़्स मुद्दतों मिरे शैदाइयों में था

जो शख़्स मुद्दतों मिरे शैदाइयों में था

आफ़त के वक़्त वो भी तमाशाइयों में था

उस का इलाज कोई मसीहा न कर सका

जो ज़ख़्म मेरी रूह की गहराइयों में था

वो थे बहुत क़रीब तो थी गर्मी-ए-हयात

शोला हुजूम-ए-शौक़ का पुरवाइयों में था

कोई भी साज़ उन की तड़प को न पा सका

वो सोज़ वो गुदाज़ जो शहनाइयों में था

बज़्म-ए-तसव्वुरात में यादों की रौशनी

आलम अजीब रात की तन्हाइयों में था

उस बज़्म में छिड़ी जो कभी जाँ-दही की बात

उस दम हमारा ज़िक्र भी सौदाइयों में था

कुछ वज़-ए-एहतियात से 'बानो' थे हम भी दूर

कुछ दोस्तों का हाथ भी रुस्वाइयों में था

(719) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Shakeela Bano. is written by Shakeela Bano. Complete Poem in Hindi by Shakeela Bano. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.