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पहलू में दर्द-ए-इश्क़ की दुनिया लिए हुए - शकील बदायुनी कविता - Darsaal

पहलू में दर्द-ए-इश्क़ की दुनिया लिए हुए

पहलू में दर्द-ए-इश्क़ की दुनिया लिए हुए

बैठा हूँ ज़िंदगी का सहारा लिए हुए

दिल है तजल्ली-ए-रुख़-ए-ज़ेबा लिए हुए

आग़ोश में है चाँद को दरिया लिए हुए

पहुँचे तो दिल में जोश-ए-तमन्ना लिए हुए

लौटे मगर लुटी हुई दुनिया लिए हुए

मैं जी रहा हूँ ग़म-कदा-ए-रोज़गार में

तेरी मोहब्बतों का सहारा लिए हुए

उठता हूँ बज़्म-ए-हुस्न से लग़्ज़िश-ब-पा 'शकील'

बहकी सी इक नज़र का सहारा लिए हुए

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In Hindi By Famous Poet Shakeel Badayuni. is written by Shakeel Badayuni. Complete Poem in Hindi by Shakeel Badayuni. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.