Coupletss of Shakeel Badayuni
नाम | शकील बदायुनी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shakeel Badayuni |
जन्म की तारीख | 1916 |
मौत की तिथि | 1970 |
जन्म स्थान | Mumbai |
ज़िंदगी आ तुझे क़ातिल के हवाले कर दूँ
ज़रा नक़ाब-ए-हसीं रुख़ से तुम उलट देना
यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है
ये किस ख़ता पे रूठ गई चश्म-ए-इल्तिफ़ात
ये अदा-ए-बे-नियाज़ी तुझे बेवफ़ा मुबारक
वो हम से ख़फ़ा हैं हम उन से ख़फ़ा हैं
वो हम से दूर होते जा रहे हैं
वो हवा दे रहे हैं दामन की
वो अगर बुरा न मानें तो जहान-ए-रंग-ओ-बू में
वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले
उठा जो मीना-ब-दस्त साक़ी रही न कुछ ताब-ए-ज़ब्त बाक़ी
उन्हें अपने दिल की ख़बरें मिरे दिल से मिल रही हैं
उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद
उजाले गर्मी-ए-रफ़्तार का ही साथ देते हैं
तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई ले के हँस दो
तुझ से बरहम हूँ कभी ख़ुद से ख़फ़ा
तर्क-ए-मय ही समझ इसे नासेह
सुना है ज़िंदगी वीरानियों ने लूट ली मिल कर
सितम-नवाज़ी-ए-पैहम है इश्क़ की फ़ितरत
सिदक़-ओ-सफ़ा-ए-क़ल्ब से महरूम है हयात
शाम-ए-ग़म करवट बदलता ही नहीं
'शकील' इस दर्जा मायूसी शुरू-ए-इश्क़ में कैसी
शग़ुफ़्तगी-ए-दिल-ए-कारवाँ को क्या समझे
सब करिश्मात-ए-तसव्वुर हैं 'शकील'
रिंद-ए-ख़राब-नोश की बे-अदबी तो देखिए
रहमतों से निबाह में गुज़री
पी शौक़ से वाइज़ अरे क्या बात है डर की
फिर वही जोहद-ए-मुसलसल फिर वही फ़िक्र-ए-मआश
नज़र-नवाज़ नज़ारों में जी नहीं लगता
नई सुब्ह पर नज़र है मगर आह ये भी डर है